भारतीय सेना पर एक कविता

माथे तिलक लगाती हमको, वीर प्रसूता मातायें, वीर शिवा, राणा, सुभाष की, भरी पड़ी हैं गाथायें।

सरहद है महफूज हमारी, अपने वीर जवानों से, लिखते है इतिहास नया नित, जो अपने बलिदानों से।।

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